दर्द

उसने दिया दर्द और कहाँ "संभालकर रखना अपने सीनेमें ,
किसीं दिन हकसे माँग लूंगी "
हमनेंभी निभायीं ऐसी कितनी कसमें
कभी थकें नहीं .
जिंदगी आगे बढीं और फसाने बनते चले गये....
हमनेभी नही मानी हार, शाईर बनतें चले गये....

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